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तितावी मिल पर धरने पर बैठे रालोद महासचिव जयंत चौधरी।
रालोद के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि गन्ना भुगतान नहीं होने से किसान आत्महत्या कर रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। छेड़छाड़ की घटनाओं पर तो मंत्री थाने जाकर बैठ जाते हैं, लेकिन किसानों के स्वाभिमान से हो रही छेड़छाड़ की किसी को कोई चिंता नहीं है।
तितावी चीनी मिल के बाहर चल रहे रालोद के धरनें में शामिल होने आए जयंत चौधरी ने पत्रकारों से वार्ता में केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि पश्चिम में किसानों की मुख्य नकदी फसल गन्ना है, गन्ने का भुगतान रुकते ही उसके सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाता है। तितावी क्षेत्र के किसानों को बीते दो सालों का भुगतान नहीं हो पाया है।
किसान आर्थिक तंगी के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। आत्महत्या की कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके लिए दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। किसान को लेकर सरकारों की नीतियां ढुलमुल हैं। जब दूसरे प्रदेशों में अधिक गन्ना मूल्य होने के बाद भी समय से भुगतान हो रहा है तो यहां भुगतान में देरी क्यों है। चीनी का मूल्य भी बढ़ गया है। चीनी मिल मालिक किसानों के पैसे पर ऐश कर रहे हैं। किसान की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की लड़ाई हर हालत में लड़ी जाएगी।
जयंत के धरने पर बैठने से झुका मिल प्रबंधन
हजारों किसानों के साथ तितावी चीनी मिल पर रालोद महासचिव जयंत चौधरी के धरने पर बैठ जाने के बाद जिला प्रशासन ने गन्ना मूल्य भुगतान की घोषणा कर दी। दस करोड़ का भुगतान सोमवार को ही गन्ना समितियों को भेज दिया।
15 अप्रैल तक किसानों का बीते सत्र समस्त 60 करोड़ रुपये भुगतान का वायदा किया गया है। 21 अप्रैल से नए सत्र के गन्ना मूल्य भुगतान शुरू करने की घोषणा की गई। इसके बाद रालोद का धरना समाप्त हो गया।
रालोद नेता जयंत चौधरी ने हजारों किसानों की भीड़ के बीच कहा कि गन्ना भुगतान कराना धर्मयुद्ध है। इस धर्मयुद्ध में वह आरपार की लड़ाई लड़ने आए हैं। किसानों का भुगतान होने तक रालोद कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठेंगे।
जयंत चौधरी की घोषणा से जिला प्रशासन के अधिकारियों और मिल प्रशासन में हड़कंप मच गया। एडीएम प्रशासन मनोज सिंह और जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश यादव ने किसानों बीच जाकर घोषणा की कि चीनी मिल दस करोड़ का भुगतान आज ही कर रहा है। बीते सत्र का समस्त भुुगतान 15 अप्रैल तक हो जाएगा। 21 अप्रैल से नए सत्र का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
इस पर जयंत चौधरी ने किसानों से पूछा कि क्या वह जिला प्रशासन की घोषणा से संतुष्ट हैं। किसानों ने अधिकारियों पर विश्वास जताया। जयंत चौधरी ने कहा कि इस फैसले पर उनकी नजर है। यदि 15 अप्रैल तक बीते सत्र का समस्त 60 करोड़ का भुगतान नहीं हो जाता तो लड़ाई फिर शुरू कर दी जाएगी।
रालोद नेता त्रिलोक त्यागी, एमएलसी मुश्ताक अहमद, बाबा सूरजमल, रामपाल सिंह, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, धर्मवीर बालियान, पूर्व विधायक राजपाल बालियान, जिलाध्यक्ष अजीत राठी, सुधीर भारतीय, अवनीश चौधरी, ब्लाक प्रमुख अनुज बालियान आदि ने विचार रखे। जिला प्रशासन की घोषणा के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
News Link : http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/muzaffarnagar/jayant-chaudhary-in-muzaffarnagar